Self-confidence Tips in Hindi | आत्मविश्वास बढ़ेगा तभी सफलता आपके कदम चूमेगी

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आप में खूब काबिलियत है और आप देखने में भी स्मार्ट है पर क्या फायदा अगर आपमें आत्मविश्वास (Self-confidence) ही नहीं है ।


माना कि कभी – कभी परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती है कि आत्मविश्वास आना मुश्किल लगता है लेकिन यह नामुमकिन जैसी चीज भी नहीं है ।


यदि आप किसी के सामने बोलने में भी सकुचाते है तो तय मानिए आप की सफलता के रास्तें में रुकावटें भी कम नहीं होंगी क्योंकि आपकी सफलता के पीछे आपके स्वयं के आत्मविश्वास का एक महत्वपूर्ण स्थान होता है । इतना ही नहीं यदि आप में आत्मविश्वास (Self-confidence) है तो सफलता (Success) अवश्य आपके कदम चूमेगी ।


भगवद्गीता में भी यह बात कही गई है कि “व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे ।”


इच्छित वस्तु यानि अपनी मंजिल को पाना तभी संभव है जब आप में खुद पर विश्वास हो । फिर क्यों न ऐसी कोशिश की जाए, जिससे आप अधिक से अधिक आत्मविश्वासी (Confident) बन सफलताओं को गले लगा सकें ।

आज यहाँ हम कुछ आत्मविश्वास बढ़ाने की टिप्स (Self-confidence Tips in Hindi) आपके साथ शेयर कर रहे है, यह टिप्स निश्चित ही आपके आत्मविश्वास (Self-confidence) को बढ़ाने के लिए लाभप्रद साबित होगी । 🙂

खुद से करें प्यार (Love and Respect Yourself)

गुण और अवगुण तो हर किसी में होता है, किंतु सामान्यत: ऐसा होता है कि व्यक्ति अपने गुणों को भूल अवगुणों के कारण आत्महीनता का शिकार हो जाता है ।


हीनता की एक वजह सफल व्यक्ति से अपनी तुलना भी करना होता है । जब आप किसी सफल व्यक्ति से अपनी तुलना करते है तो खुद को उसके सामने हीन महसूस करने लगते है और जिसके कारण आपके अंदर निराशा पनपने लगती है । इसीलिए कहते है कि –


मैदान में हारा हुआ फिर से जीत सकता है ।
परंतु मन से हारा हुआ कभी जीत नहीं सकता ।


सबसे पहले तो आप अपने मन पर जीत हासिल कीजिए क्योंकि आपका आत्मविश्वास (Self-confidence) ही आपकी सर्वश्रेष्ठ पूँजी है । आप को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि कोई भी मनुष्य ऐसा नहीं होता जिसमें केवल गुण ही गुण हो । हां यह हो सकता है कि जो गुण दूसरे व्यक्ति में हों वह आप में न हों ।


तो फिर आप अपने आप को किसी से कम क्यों समझें । अपने आप पर विश्वास करना सीखिए और उसके लिए सबसे अच्छा तरीका यही है कि अपने गुणों के लिए अपने ऊपर गर्व कीजिए।


अपनी कामयाबियों को ध्यान में रखिए और समय – समय पर लोगों को भी ध्यान कराते रहिए । यदि आप अपने आप को ही पसंद नहीं करेंगे तो किसी दूसरे से आप क्या उम्मीद रख सकते है ।

क्षमता के अनुरूप कार्य करें (Work According to Capacity)

सफलता (Success) या असफलता (Failure) बहुत कुछ योग्यता पर निर्भर करती है, किंतु आत्मविश्वास की कमी (Lack of confidence) के कारण आप अपनी योग्यताओं और क्षमताओं को पहचान ही नहीं पाते और अपने मन में ही यह सोच लेते है कि आपमें योग्यता की कमी है ।


ऐसे में सफलता (Success) मिलना मुश्किल हो जाता है, साथ ही कई बार ऐसा भी होता है कि आप अपनी क्षमता को न पहचानते हुए कोई ऐसा कार्य हाथ में ले बैठते है, जो आप नहीं कर सकते और जब असफलता मिलती है तो मन में कुंठा घर कर लेती है ।


यह एक सर्वमान्य सच है कि प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक कार्य नहीं कर सकता है, किंतु यह भी सच है हर व्यक्ति में कुछ न कुछ विशेषता भी जरूर होती है और यदि इन्ही विशेषताओं की ओर ध्यान दिया जाए तो सफलता प्राप्त की जा सकती है ।


अत: शांत व कुंठारहित मन से अपनी योग्यताओं की एक सूची तैयार करें और फिर उन्हीं योग्यताओं के आधार पर अपने भविष्य की राह का चुनाव करें, क्योंकि छोटी – छोटी सफलताएँ भी व्यक्ति में आत्मविश्वास का संचार करती है ।


विफलता बस फिर से शुरू करने का अवसर है,
इस बार और अधिक समझदारी से ।


कहने का तात्पर्य यह है कि असफलता (Failure) से घबराना नहीं चाहिए क्योंकि मुश्किलें तो हर किसी की जिंदगी में आती है । इसलिए मुश्किलों से घबराएं नहीं बल्कि इनको Face करना सीखें ।


असफलता (Failure) बस आपकी सीमाओं को प्रतिबंधित करती है, जिससे आप निराश हो उठते है और आपका आत्मविश्वास (Self-confidence) डगमगा जाता है, ऐसे में आप भविष्य में कोई कार्य प्रारंभ करने से पहले ही हथियार डाल देते है ।


निराशा की यही भावना भविष्य को बर्बाद कर देती है । इसलिए आप अपनी असफलता को सकारात्मक (Positive) ढंग से ले अर्थात अपनी गलतियों से सबक लेकर दोबारा कार्य प्रारम्भ करें । निश्चय ही सफलता (Success) आप के हाथ लगेगी ।

पहनावे का ध्यान रखें (Dress Well)

व्यक्तित्व (Personality) आपकी सबसे सशक्त पहचान है और व्यक्तित्व के निखार (Personality development) में आपके पहनावे का महत्वपूर्ण हाथ होता है ।


सुंदर और सुरुचिपूर्ण ढंग से पहना लिबास बरबस ही अपनी ओर ध्यान आकर्षित करता है और जब आपको यह महसूस होता है कि आप सबके आकर्षण का केंद्रबिंदु है तो आप अनायास ही अपने अंदर आत्मविश्वास (Confidence) महसूस करने लगते है ।

अपने विषय की पूरी जानकारी रखे (Be Updated of Your Subject)

आपको अपने विषय की पूरी जानकारी होना भी आवश्यक है ताकि जब भी किसी सेमिनार, स्कूल या ऑफिस में वार्तालाप हो में आप बढ-चढ कर हिस्सा ले सके । अगर आपके पास जानकारी रहेगी तभी तो आप शामिल हो सकेंगे । इससे आपके सामान्य ज्ञान में भी वृद्धि होगी ही साथ ही साथ आप सभी लोगों के बीच प्रशंसा के पात्र भी बन जाएँगे ।


सामान्य ज्ञान में वृद्धि कैरियर में भी सहायक सिद्ध होगी और यह स्थितियां आत्मविश्वास विस्तार के लिए रामबाण कार्य करती है ।


अंत में मैं आपसे बस यही कहना चाहूंगी कि जहां अभ्यास आपको बलवान बनाता है वही आगे बढ़ने की प्रेरणा आत्मविश्वास (Self-confidence) से आता है । इसलिए हमेशा अपने आप पर विश्वास रखना चाहिए । हर दिन अपने आप से एक बात दोहराएं, “मैं यह कर सकता हूँ, मुझे अपने क्षेत्र में बहुत आगे पहुंचना है और मैं ऐसा जरूर करूंगा ।


यकीन मानिए आप खुद महसूस करेंगे कि आप में सकारात्मक सोच (Positive Thinking) का विकास हो रहा है और यही सकारात्मक सोच (Positive Thinking) आप के नर्वस नेस को खत्म कर आप में आत्मविश्वास (Self-confidence) भर देगा ।

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